चमक चमक झिलमिलाता जगमगाहट...
जैसे हर ओस की बूंद इंद्रधनुष के सात रंगों की तरह...
अपनी ही खुशबू से अनजानएक विनम्र कस्तूरी मृग की तरह ...
महा सागर किरणों का कंबल पहने...
गर्मी में कड़ाके की धूप की आहट सुनने...
गर्म रेतीले पायल में घूमता...
महा सागर किरणों का कंबल पहने...
गर्मी में कड़ाके की धूप की आहट सुनने...
गर्म रेतीले पायल में घूमता...
अनजान सूरज धूप की कालिमा पाने के लिए चला जाता है ...
जैसे एक मूर्ख सूरज पर ही टहलने के लिए चला जाता है ...
जैसे एक मूर्ख सूरज पर ही टहलने के लिए चला जाता है ...
अनजान हर ओस की बूंद जिंदगी की थी...
जैसे बारिश में इंद्रधनुष के सात रंगों जिंदा हो गया ...
जैसे बारिश में इंद्रधनुष के सात रंगों जिंदा हो गया ...
अनजान भोर चुपचाप प्रकाश पर चला गया...
भोर की ओर चुपचाप चलने एक सुनहरा प्रकाश की तरह ...
भोर की ओर चुपचाप चलने एक सुनहरा प्रकाश की तरह ...
हर ओस की बूंद अपने चरित्र से अनजान...
जैसे हर एक बूंद उसकी रोशनी आत्मा था...
सूरज में कभी चमक रहा इंद्रधनुष के रंग की तरह...
अपने पैर की उंगलियों के बीच चिड़चिड़ा गर्म रेत महसूस की तरह ....
जैसे हर एक बूंद उसकी रोशनी आत्मा था...
सूरज में कभी चमक रहा इंद्रधनुष के रंग की तरह...
अपने पैर की उंगलियों के बीच चिड़चिड़ा गर्म रेत महसूस की तरह ....
अनजान खुशी बारिश की बूंदों की तरह है...
एक चंचल सुंदर मृग की तरह ...
एक चंचल सुंदर मृग की तरह ...
एक शुद्ध सफेद मोर की तरह ...
अनजान अज्ञात के डर से सीमित एक गाड़ी की तरह...
यह समय के साथ प्रतिस्पर्धा पर चला गया ...
यह समय के साथ प्रतिस्पर्धा पर चला गया ...
सीमित जीत के डर से अनजान जैसे एक अकेला मधुमक्खी...
इसकी घने गहरे अंधकार से अनजान...
भोर की ओर चुपचाप चलने एक सुनहरा प्रकाश की तरह ...
भोर की ओर चुपचाप चलने एक सुनहरा प्रकाश की तरह ...
अनजान अपनी मां के लिए...
एक मासूम बच्चे के रोने और तड़प की तरह...
एक मासूम बच्चे के रोने और तड़प की तरह...
अपने भाग्य से अनजान...
जैसे तड़प आत्मा हमारे शरीर छोड़ देता है...
जैसे तड़प आत्मा हमारे शरीर छोड़ देता है...
अनजान आत्मा शरीर में प्रवेश करता है जैसे...
अनजान है कि सूरज एक शरारती बादल पकड़ नहीं सकता...
जैसे एक मासूम बच्चे चांद को छूने की कोशिश करता है ...
जैसे एक मासूम बच्चे चांद को छूने की कोशिश करता है ...
अंधेरे एक कालीन की तरह...
हैइस पर चमक मुस्कुरा सितारे हँस की तरह ...
हैइस पर चमक मुस्कुरा सितारे हँस की तरह ...
रात भोर का सुन्न में चुपचाप चल रहा है...
एक खोया चुप संत की तरह...
एक खोया चुप संत की तरह...
इसकी गंध से अनजान धरती...
एक सुगंधित बारिश गीली मिट्टी की तरह ...
एक सुगंधित बारिश गीली मिट्टी की तरह ...
अपने गंतव्यों में से अनजान...
एक भटक घुमंतू योगी और भिक्षुक की तरह ...
एक भटक घुमंतू योगी और भिक्षुक की तरह ...
अपने जंगलीपन और वासना से अनजान...
बारिश में एक नृत्य खुश मोर की तरह ...
बारिश में एक नृत्य खुश मोर की तरह ...
अनजान इंद्रधनुष रंग धूप बारिश में छत पर नाचती...
रात में शीतलता चांदी चाँद के साथ खेल सितारों की तरह.. .
रात में शीतलता चांदी चाँद के साथ खेल सितारों की तरह.. .
अनजान सूरज धूप की कालिमा पाने के लिए चला जाता है ...
जैसे एक मूर्ख सूरज पर ही टहलने के लिए चला जाता है ...
जैसे एक मूर्ख सूरज पर ही टहलने के लिए चला जाता है ...
जैसे एक स्वर्ण हंस सुनहरे रंग त्वचा के साथ प्यार में है परेशान...
अनजान बादलों अपने बिजली के साथ प्यार में है...
एक उग्र बवंडर के साथ एक रास लीला पृथ्वी होने की तरह ....
एक उग्र बवंडर के साथ एक रास लीला पृथ्वी होने की तरह ....
चमक चमक झिलमिलाता जगमगाहट ...
जैसे हर ओस की बूंद इंद्रधनुष के सात रंगों की तरह ...
जैसे हर ओस की बूंद इंद्रधनुष के सात रंगों की तरह ...
अनजान खुशी बारिश की बूंदों की तरह है ...
एक चंचल सुंदर मृग की तरह ...
एक शुद्ध सफेद मोर की तरह ...
एक चंचल सुंदर मृग की तरह ...
एक शुद्ध सफेद मोर की तरह ...
मीना
प्रिय लेखिका और कवयित्री,
ReplyDeleteबिल्कुल सुंदर लेख.
मीना जी बहुत अलग रचनात्मकता आप के भीतर रहता है.जो सबसे बड़ा एड्रिनलीन धक्का है.यही कारण है कि एक संभवतः के लिए प्रगति कर सकते हैं.बस संयोग से पढ़ने के लिए कुछ खोज करते हुए आपके ब्लॉग संघर्ष हुआ.
और आपकी कविता भर में आया था.
हिंदी में लिखा हुआ.मुझे बहुत ज्यादा आपके लेखन शैली पसंद आया.इस तरह से लिख कर आप और अधिक विकसित कर सकते हैं.
आप हमेशा इस तरह से लिखने रखें.
ईश्वर आपका भला करे.
Shukriya apko tahe dil se ki apko acha laga Mera lekha. 🙏☺️
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