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Showing posts from September 16, 2022

राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला।

राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला, जिंदगी के सफर में तू आगे बड़ अकेला,  राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला, दूरियां तू मत देख ओ फकीरा, राहगीर तू बस बढ़ता चल अकेला, लम्बी अकेली राहों में तू होगा अकेला,  राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला, मत भूल अब तू है एक बंजारा, राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला, जो है इल्तिफ़ात का मारा, राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला, देख तू बस एक बसेरा, राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला, संसार मे तू आया भी अकेला, राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला, संसार से तू जायेगा भी अकेला, राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला, दिखेगा रोज़ वही सूरज और वही शशी अकेला,  राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला, आयेगा रोज़ नई सोच लेकर साथ में एक नया सवेरा, राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला, रोज़ का सवेरा तुझे नया लगेगा, राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला, तू जब एक जिज्ञासु पर्यवेक्षक बनेगा, राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला, फिर समझेगा की छाया ही है अंधेरा, राहगीर तू बस बढ़ता-चल अकेला, मत भटक मत अटक इन अस्तव्यस्त राहों पर, राहगीर तू बस बढ़ता चल अकेला, मत हार तू इन अधूरी राहों पर,  राहगीर तू बस बढ़ता चल अकेला, हर राह पर नए अजनबी मिलेंगे, राहगीर तू बस बढ़ता चल अकेला, हर नए अजनबी से