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Showing posts from March 30, 2014

भाग्य की जान--

भाग्य की जान-- हर दिन एक नई नियति है ... हर नियति एक नई आशा है ... हर नई आशा है कि एक जीवन है ... हर नई जीवन एक आत्मा है ... हर आत्मा एक नई सतरंजी सूरज है हर रंग जिंदा है ... हर जीवित चीज एक कहानी है .. हर कहानी जवानी है ... हर दिन एक नई नियति है ... हर नियति एक नई आशा है ... हर रहस्य एक पल है ... हर पल एक जीवन है .. हर नई आशा है कि एक जीवन है ... हर नई जीवन एक आत्मा है ... हर आत्मा एक नई सतरंजी सूरज है .... हर सूरज सुनहरे कहानी है ...  मीना

एक नई सतरंगी अनपेक्षित धूप --

चमक चमक झिलमिलाता जगमगाहट... जैसे हर ओस की बूंद इंद्रधनुष के सात रंगों की तरह...  अपनी ही खुशबू से अनजान एक विनम्र कस्तूरी मृग की तरह ... महा सागर किरणों का कंबल पहने... गर्मी में कड़ाके की धूप की आहट सुनने... गर्म रेतीले पायल में घूम ता ... अनजान सूरज धूप की कालिमा पाने के लिए चला जाता है ... जैसे एक मूर्ख सूरज पर ही टहलने के लिए चला जाता है ... अनजान हर ओस की बूंद जिंदगी की थी... जैसे बारिश में इंद्रधनुष के सात रंगों जिंदा हो गया ...  अनजान भोर चुपचाप प्रकाश पर चला गया... भोर की ओर चुपचाप चलने एक सुनहरा प्रकाश की तरह ... हर ओस की बूंद अपने चरित्र से अनजान... जैसे हर एक बूंद उसकी रोशनी आत्मा था... सूरज में कभी चमक रहा इंद्रधनुष के रंग की तरह...  अपने पैर की उंगलियों के बीच चिड़चिड़ा गर्म रेत महसूस की तरह ... .  अनजान खुशी बारिश की बूंदों की तरह है... एक चंचल सुंदर मृग की तरह ...  एक शुद्ध सफेद मोर की तरह ...  अनजान अज्ञात के डर से सीमित  एक गाड़ी की तरह... यह समय के साथ प्रतिस्पर्धा पर चला गया ...  सीमित जीत के डर से अनजान  जैसे एक अकेला